Friday, September 19, 2014
Subscribe to:
Post Comments (Atom)
कलियुग में संजीवनी गौग्रास सेवा:माँ गौ माता की सेवा में एक मुठ्ठी घास नित्य-प्रति आपकी और से माँ अन्न्पूर्णा सेवा: दिव्य धार्मिक स्थलों में अन्नक्षेत्र सञ्चालन-सहयोग. सरश्वतीवंदना:पाठशाला निर्माण,सञ्चालन,पुस्तकालय-वाचनालय स्थापना-सहयोग. वसुंधरा श्रृंगार:पर्यावरणीय चेतना,वृक्षारोपण,जीव-जंतु रक्षण-संरक्षण,जल संरक्षण.
No comments:
Post a Comment