Tuesday, July 26, 2011

रथ यात्रा एवं ब्रह्मोत्सव : अगस्त २०११

स्थाई :                                                                                         
पंचांग* ५, स्वात्मकथन-आस्तिकता *७ , श्रीकृष्ण-माता देवकी के मृत शिशुओं को वापस लाना*१७,व्रत-पर्वोत्सव -बहुला चतुर्थी *२३,  श्रीराम -माता का आनंद*२५,  हमारे देवी-देवता -अर्यमा  सूर्य का ध्यान*३१,  ज्योतिष-संजीवनी -शुभ गृह भी महामारक बनते हैं -पंडित भवानी खंडेलवाल*३५, वास्तु -प्रकाश शर्मा  *३७ , अनुष्ठान-संजीवनी -संतान बाधा योग और जन्माष्टमी*३८ , 
आरोग्य-संजीवनी - योग द्वारा मधुमेह रोग से स्थाई मुक्ति - नरेन्द्र मार्कंडेय*३९,    
अन्तरंग : 
जिज्ञासायें -  पंडित तनसुखराम शर्मा *८   
चिंतन का चन्दन : देश भक्ति - ॐ पारदर्शी *१3
दान (तात्विक मीमांसा)  - पंडित तनसुखराम शर्मा *१५   
सुंदर कांड की चिन्मयता - भंवरलाल लक्ष्मीनिवास राठी *१९ 
श्री हनुमत्चिन्तन-संकट से हनुमान छुडावें!मन क्रम वचन ध्यान जो लावे!! - दयाशंकर सिंह दास *२७  विशेष :
ब्रह्मोत्सव एवं रथ यात्रा -रामकृष्ण सेवदा*९ और ४० 
हमारे संत महात्मा - बाबा नीम करोली - कृपा याचना -  रवि प्रकाश पांडे 'राजीदा'*३३ 
श्री तिरुपति बालाजी वेंकटेश देवस्थान गुमाश्ता नगर का रथ यात्रा महोत्सव*39
गुरु पूर्णिमा*४१ 

श्री गुरु पूर्णिमा : जुलाई २०११

स्थाई :                                                                                          पंचांग*4, स्वात्मकथन-व्यावसायिक शिक्षा *५, श्रीकृष्ण-सुदामा सत्कार *१९ , श्रीराम-रामावतार *२९ हमारे देवी-देवता -धाता सूर्य का ध्यान *३३ ,  ज्योतिष-संजीवनी -संतति योग और अवयोग -पंडित भवानी खंडेलवाल *३५ , वास्तु -प्रकाश शर्मा  *३७ , अनुष्ठान-संजीवनी -गुरु पूर्णिमा  ३८ , 
आरोग्य-संजीवनी - योग द्वारा मधुमेह रोग से स्थाई मुक्ति - नरेन्द्र मार्कंडेय  ४० , व्रत-पर्वोत्सव -व्यास पूजा गुरु पूर्णिमा की महिमा -श्रीधर सिंह दयालपुरी  *४१  
अन्तरंग : 
चिंतन का चन्दन : चातुर्मास का महत्व - ॐ पारदर्शी *१८
शास्त्र ही प्रमाण क्यों ? - पंडित तनसुखराम शर्मा *२१  
सुंदर कांड की चिन्मयता - भंवरलाल लक्ष्मीनिवास राठी * २३
श्री हनुमत्चिन्तन - नासे रोग हरे सब पीरा ! जपत निरंतर हनुमत बीरा !! - दयाशंकर सिंह दास *३१ 
जिज्ञासायें -  पंडित तनसुखराम शर्मा *३९                                                                             
विशेष :
गुरु के आलोक ने रचा है सभ्य समाज - हीरालाल सेवदा *७
गुरु शिष्य परम्परा और आज का युवा - पवनकुमार शर्मा एड्वोकेट *११
आज भी कायम है गुरु कुल परम्परा - महेश शर्मा *१२ 
साक्षात् परब्रह्म के समान है गुरु - ललित भूषण *१३ 
सच्चा गुरु - अंजनीकुमार शर्मा *१५     
भारत के संतों और सेनिकों का त्याग - सुनील सादी *१६ 
आँख मूंदकर जोखिम उठाना ठीक नहीं - एन . राघुरामन *१७
संसार में हर जगह जरुरी है संतुलन - पंडित विजयशंकर मेहता *२७
जब कशी नरेश ने अपनी महारानी को  दण्डित किया - सुशिल शर्मा *३६ 
दान की महिमा - राकेश शर्मा *४२