
प्रकृति एवं संस्कृति के प्रति
जागरूकता : संरक्षण : संवर्धन
के लिए
"कलियुग संजीवनी "
की
एक नई पहल : सार्थक प्रयास
अविरल और निर्मल गंगा
जागरूकता : संरक्षण : संवर्धन
के लिए
"कलियुग संजीवनी "
की
एक नई पहल : सार्थक प्रयास
अविरल और निर्मल गंगा
कलियुग में संजीवनी गौग्रास सेवा:माँ गौ माता की सेवा में एक मुठ्ठी घास नित्य-प्रति आपकी और से माँ अन्न्पूर्णा सेवा: दिव्य धार्मिक स्थलों में अन्नक्षेत्र सञ्चालन-सहयोग. सरश्वतीवंदना:पाठशाला निर्माण,सञ्चालन,पुस्तकालय-वाचनालय स्थापना-सहयोग. वसुंधरा श्रृंगार:पर्यावरणीय चेतना,वृक्षारोपण,जीव-जंतु रक्षण-संरक्षण,जल संरक्षण.
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